Monday 15 February 2016

इंटरनेट युग में भी किताबों को न भूले

आज की दुनिया बड़ी ही तेज रफ्तार के साथ भाग रही है। संचार क्रांति ने ऐसी क्रांति ला दी है कि लोगों ने इसे ही अपना दोस्त बना लिया है। अपने दोस्तों से प्रिय संचार साधन मोबाइल हो गया है। जिस तरह पहले अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से न मिले तो बेचैन हो जाता था वैसे ही आज अगर आपको संचार सुविधा से वंचित कर दिया जाए तो आप भी वैसे ही बेचैन हो उठेंगे। संचार सुविधा बढ़ना एक अच्छी बात है। लेकिन इसके साथ सभी संबंधों का साधना अपके व्यक्तित्व को और महान बनाता है। सबंधों के जैसे आज के युग में लोगों से किताबों से भी ऐसे ही नाता टूटा है। कोई भी समस्या हो तुरंत मोबाइल उठाया और गूगल बाबा से पूछ लिया। यह बेहद ही सुलभ और लभगभ सही उत्तर पाने का साधन है। लेकिन अगर आप गंभीर और पूर्ण ज्ञान की तलाश में हैं तो यह आपको किताबें ही दे सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है। क्योंकि छिछले ज्ञान तो सर्वसुलभ और सर्वज्ञय है लेकिन अगर आपकों गंभीर ज्ञान की तलाश है तो वह किताबें ही दे सकती है। अतः वैसे किताबों की तलाश करें। वैसे इस तलाश में इंटरनेट आपकी भरपूर मदद कर सकता है। क्यों उसी गूगल बाबा पर बाइ बुक्स आॅनलाइन   ( buy books online) सर्च कर अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ा सकते हैं। इंटरनेट पर हजारों आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) है जो आपके चयन को और सुलभ बनाता है। आनलाइन बुक्स (online books) खरीदने का फायदा यह होता है कि आपकी पसंद की किताब आपके घर तक पहुंचती है। ऐसे ही आॅनलाइन बुक्स स्टोर में योरबुकस्टाल भी शामिल हैं जहां से आप बुक्स खरीद सकते हैं।

No comments:

Post a Comment