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Tuesday, 5 April 2016

जेल में लिखी गर्इं किताबें...

जेल में किताब लिखने की परंपरा सदियों पुरानी है जो आज भी बद्स्तूर जारी है और आगे भी जारी रहेगा। अगर हम भारतीय इतिहास की बात करें तो महत्मा गांधी से लेकर भगत सिंह ने आपनी जेल यात्रा और स्वतंत्रता को लेकर ‘जेल डायरी’ लिखी जो बाद में हमारे सामने किताबों की रूप में आर्इं। अगर हम बड़ी किताबों की बात करें तो उसमें बाल गंगाधर तिलक की ‘गीता रहस्य’ और जवाहरलाल नेहरू की किताब ‘डिस्कवरी आॅफ इंडिया’ को शामिल किया जा सकता है, जिसने देश, समाज और युवाओं को नई दिशा दी है।
                दूसरी ओर कई अपराधियों ने भी किताबें लिखी हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक अपराधी ने जेल में ही 9 किताबें लिख डाली थी। इसके अलावा भी कई ऐसे लोगा हैं जिन्होंने जेल में रहते हुए किताबें लिखी हैं।     फरवरी में ही पिछले दो सालों से जेल की छोटी सी सेल में बेहद मामूली चीजों के सहारे जीवन बीता रहे सहारा प्रमुख सुब्रत राय की किताब का विमोचन जेल में ही हुआ। किताब के विमोचन के लिए उन्होंने अपने कंपनी सहारा का 39वां स्थापना दिवस चुना। सहारा प्रमुख ने तिहार जेल में न्यायिक हिरासत में रहते हुए अपनी तीन किताबों की सीरीज ‘थॉट फ्रॉम तिहार’ के पहले पार्ट ‘लाइफ मंत्रास’ को लिखा है।यह किताबें आॅनलाइन बुक्स (online books) स्टोर पर खूब बिक रही हैं और लोग भी इसे बाई बुक्स आॅनलाइन (buy books online) खूब खरीद रहे हैं। दूसरी ओर जेल में किताब लिखने को लेकर संजय दत्त भी चर्चा में हैं। मार्च में रिहा होने के बाद उन्होंने यह बात बताई। जेल में संजय दत्त ने अपनी दिनचर्या के अलावा अपने जीवन के अनुभवों को लिखने में भी उन्होंने खुद को व्यस्त रखा। अब उनके इन अनुभवों ने एक किताब का रूप ले लिया है। मुंबई बम विस्फोट मामले में जेल की सजा काटने के बाद हाल में रिहा हुए 56 वर्षीय अभिनेता ने दो कैदियों के साथ मिलकर 500 से अधिक ‘शेर’ लिखे हैं और अब वह अपने इस काव्य संग्रह को ‘सलाखें’ नाम की एक किताब के रूप में प्रकाशित करवाना चाहते हैं। दत्त ने कहा, मैंने कुछ लिखा है और मैं इस किताब ‘सलाखें’ को जारी करूंगा। हम इसे कुछ लोगों (प्रकाशकों) को दिखाएंगे। जिशान कुरैशी, समीर हिंगल नाम के दो कैदियों के साथ मैंने 500 शेर लिखे हैं। वे दोनों रेडियो स्टेशन में मेरे साथ थे। ये सभी शेर हिंदी में लिखे गये हैं।


Saturday, 2 April 2016

सबसे विवादित किताबों पर एक नजर...


कलम की ताकत से दुनिया का हर पढ़ा लिखा व्यक्ति परचित है। चाहे वह नारा हो, लेख हो या कोई किताब। वह समाज को एक नई दिशा देती है, सच्चाई बताती है, विवाद, वैमन्स्य, खड़ा करती और समाज को भटकाती भी है। कागज पर उकेरे बहुत कम ही ऐसे शब्दों की पोटलियां रही जिससे नाकारात्मकता फैलाने की कोशिश की गई। यहां हम कुछ ऐसे ही किताबों की चर्चा करेंगे जिन्हें विवाद के कारण प्रतिबंध लगा दिया गया। भले ही उस समय उन किताबों पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो लेकिन आज वह किताबें आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) पर उलब्ध हैं जहां से कोई भी बाई बुक्स आॅनलाइन (buy books online) खरीद सकता है। लेकिन विवाद किस कारण हुआ यह हम आपको बताते हैं।

पिक्टन: इन हिज ओन वड्स
लेखक :- रॉबर्ट पिक्टन
कई हत्याएं करने वाले कनाडा के रॉबर्ट पिक्टन ने अपने अनुभव के आधार पर ‘पिक्टन: इन हिज ओन वर्ड्स’ एक किताब लिखी।
इस किताब पर विवाद के प्रतिबंध लगा दिया और बाजार में आने के कुछ घंटे के बाद ही उसे आॅनलाइन बुक्स स्टोरों से हटा दिया गया। सूअर फार्म चलाने वाले और किसी जमाने में करोड़पति रहे रॉबर्ट पिक्टन ने एक के बाद एक छह हत्याएं की थीं। उन्हें साल 2007 में सजा भी सुनाई गई थी।



इफ आई डिड इट: कनफेशन्स आॅफ द किलर
लेखक :- ओजे सिम्पसन (आनाम लेखक)
अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी ओजे सिम्पसन को 1994 में अपनी पूर्व पत्नी निकोल ब्राउन और उनके मित्र रोनैल्ड गोल्डमैन की हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था। उनकी किताब ‘इफ आई डिड इट: कनफेशन्स आॅफ द किलर’ साल 2007 में छप कर बाजार में आई।
इसमें बताया गया था कि किस तरह ये हत्याएं की गई होंगी। सिम्पसन ने किसी और से यह किताब लिखवाई थी और इससे पैसे भी कमाए थे। किताब से दोनों पीड़ितों के रिश्तेदारों को ठेस पहुंची। इसके पहले उन्होंने सिम्पसन के खिलाफ एक मुकदमा जीत लिया था। उन्हें मुआवजे के तौर पर 3 करोड़ डॉलर की रकम दी गई थी। सिम्पसन फिलहाल जेल में हैं। वे अपहरण और डकैती के दोष में 33 साल की सजा काट रहे हैं।

लोलिता
लेखक :- व्लादीमीर नबोकोव
बीसवीं सदी की सबसे विवादास्पद किताबों में एक है लोलिता। यह किताब 1955 में प्रकाशित हुई थी। व्लादीमीर नबोकोव द्वारा लिखी यह किताब एक अधेड़ आदमी हम्बर्ट और 12 साल की लड़की डोलोरस हेज के रिश्ते पर आधारित है। इसमें लेखक ने एक बच्ची के प्रति अपने प्यार के बारे में विस्तार से बताया है।
इसलिए कोई प्रकाशक इसे छापने को तैयार नहीं था। आखिरकार, पेरिस की एक ऐसी कंपनी ने इसे छापा, जो पोर्नोग्राफी छापा करती थी। किताब के आने के बाद उस पर ब्रिटेन और फ्रांस में प्रतिबंध लगा दिया गया। ब्रिटेन में यह रोक 1959 तक रही। इसकी अब तक पांच करोड़ प्रतियां छप चुकी हैं।

द सैटेनिक वर्सेज
लेखक :- सलमान रुश्दी
भारतीय मूल के ब्रितानी लेखक सलमान रुश्दी की साल 1988 में छपी किताब में इस्लाम की आलोचना की गई है। इसके बाद कुछ लोगों ने रुश्दी की हत्या करने वाले को दस लाख पाउंड का इनाम देने का ऐलान किया था। इस किताब पर मुस्लिम जगत में हंगामे हुए। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक गुरु अयातुल्ला खोमैनी ने फतवा जारी कर रुश्दी को मौत की सजा सुना दी थी। ईरानी समाचार एजेंसी 'फारस' के मुताबिक, 40 सरकारी मीडिया कंपनियों ने इस किताब के लेखक को मारने के लिए साझे तौर पर 6 लाख डॉलर की रकम की पेशकश की है। सलमान रुश्दी दस साल तक छिपे रहे। उनकी किताब पर आज भी भारत और कई मुस्लिम बहुल देशों में प्रतिबंध लागू है।

माइन काम्फ: माई स्ट्रगल
लेखक :- एडोल्फ हिटलर 
जर्मनी में नस्लवादी नाजियों के नेता एडोल्फ हिटलर की किताब ‘माइन काम्फ: माई स्ट्रगल’ साल 1925 में छप कर आई थी। ये नाजियों के घोषणापत्र जैसा था। हिटलर ने म्युनिख में सत्ता हथियाने की नाकाम कोशिश करने के आरोप में देशद्रोह की सजा काटते समय जेल में यह किताब लिखी थी। एक दशक बाद जब नाजी सत्ता में आए तो इस किताब की धूम मच गई।
सरकार नव विवाहितों को यह उपहार में देने लगी। बड़े अधिकारियों के घरों में इसकी सोने की पत्तियों से मढ़ी प्रतियां रखी जाने लगीं। उस दौरान इस किताब की 1 करोड़ 20 लाख प्रतियां छपी हैं। नाजिÞयों की हार के बाद 1945 में इस किताब की कॉपीराइट बैवेरिया राज्य को सौंप दी गई। इस पर किताब पर 70 साल तक प्रतिबंध लगा रहा। यह कॉपीराइट 1 जनवरी 2016 को खत्म हो गई। म्युनिख का इंस्टीच्यूट आॅफ कंटेपरेरी हिस्ट्री अब इसका नया संस्करण छापेगा।

आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स
लेखक :- माया एंजेलो
साल 1970 में छपी माया एंजेलो की किताब ‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ उनके अनुभवों पर आधारित है। इसमें अमरीका के गरीब इलाके डीप साउथ में एक बच्चे पर होने वाले अत्याचार और दुर्व्यवहार का वर्णन है। माया ने अपने बचपन के 10 साल वहां बिताए।
उन्होंने वहां नस्ल के आधार पर होने वाले भेदभाव और पूर्वग्रहों के बारे में बताया। इस किताब में वर्णन है कि किस तरह सात साल की उस बच्ची से उसकी मां का ब्वॉय फ्रेंड बलात्कार करता है।

Sunday, 27 March 2016

आज भी भारत में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली अंग्रेजी किताब है ‘हैरी पॉटर’


यह जानकर बहुत ही आश्चर्य हुआ कि आज भी इस आधुनिक युग में किताब पढ़ने वालों की कमी नहीं है। वहीं दूसरी ओर अंग्रेजी कें धुरंधर और बड़े साहित्यकारों को को पछाड़ते हुए जेके रोलिंग आगे निकल गई हैं। एक सोशल मीडिया रिसर्च में यह सामने आया है कि आज भी दुनिया भर में सबसे ज्यादा ‘हैरी पाॅटर’ की किताबें पढ़ी जाती हैं। फेसबुक पर एक स्टेटस मैसेज काफी चल रहा था कि जिसमें ‘प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद की 10 किताबों के नाम लिखने थे’। इस स्टेटस पर न सिर्फ लोगों ने अपनी पसंदीदा किताबों के नामों के साथ स्टेटस अपडेट लिखे बल्कि अपने मित्रों को भी प्रोत्साहित किया। बाद में इन स्टेटस अपडेटों में सबसे ज्यादा दर्ज की गई शीर्ष 20 किताबों की सूची तैयार की गई और अलग से जारी की गई। इसके लिए 1,30,000 स्टेटस का अध्ययन किया गया और मजेदार तथ्य यह रहा कि शीर्ष 20 पुस्तकों में अधिकतर किताबें बच्चों के लिए लिखी हुई रहीं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी वोटिंग के लिए भारतीयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अमेरिकन के बाद वोट करने वालों में दूसरे नंबर पर रहे।
                          इस निष्कर्ष को लेकर रिसचर्स का कहना था कि जिन किताबों को हम अपने बालपन या किशोरवय के दौरान पढ़ते हैं, उनका हमारे मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, और इसी कारण शीर्ष पर रही किताबों में अधिकतर बच्चों की थीं। अंततः विश्वभर में सबसे ज्यादा पसंद की गई किताब साबित हुई ब्रिटिश लेखिका जेके रॉलिंग की लिखी श्रृंखला ‘हैरी पॉटर’ और दूसरे तथा तीसरे स्थान पर क्रमशः हार्पर ली द्वारा लिखित ‘टु किल अ मॉकिंगबर्ड’ तथा जेआरआर टॉलकिन द्वारा रचित ‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ रही। इस शोध के कुछ महत्वपूर्ण पहलू थे कि लगभग एक लाख लोगों के इन स्टेटस अपडेटों में महिलाओं की तादाद पुरुषों की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा रही। इसमें भाग लेने वालों में से 63 प्रतिशत अमेरिकी थे, जबकि 9.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर भारतीय रहे और 6.3 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर ब्रिटिश लोग रहे तथा सभी प्रतिभागियों की औसत आयु 37 वर्ष रही।
               वैसे भारत में अगर देखा जाए तो हैरी पाॅटर की उपलब्धता सभी जगह है। इस किताब की श्रृंखलाओं की कई भाषाओं में अनुवाद भी किया गया हैै। यह किताब असानी से किसी बुक्स स्टाॅल (online bookstore) पर मिल जाती हैं या किसी भी आॅनलाइन बुक्स स्टोर से भी आप इसे बाईबुक्स आॅनलाइन (buy books online)कर सकते हैं।

Thursday, 24 March 2016

Happy Holi

Happy Holi....

May this festival of colours bring colours of joy to your life. 
 Enjoy reading your favorite books this Holi. Books also represent various hues of life and are the pictures written in words, emotions are its colours. 
Buy Books Online and avail great discounts this Holi. 
Happy Reading!

Tuesday, 22 March 2016

रंगों में किताबों की दुनिया

किताबों की दुनिया और रंगों के उत्सव होली में एक अजीब सी ताल-मेेल है। अगर तर्कों से बाहर निकलकर एक बार सोचे तो यह साफ है कि जैसे जिस तरह से रंगों का अपना महत्व है वैसे ही अनेक विषयों, मुद्दो और महत्वों के रंग किताब के भी होते हैं। जहां तक होली की बात की जाए तो इस दिन सभी रंगों का एक महत्व हो वह है उल्लास और उत्सव का। वहीं किताबों की बात की जाए तो किताबों एक शब्दों में कहा जाए तो ज्ञान का भंडार है किताबें, लेकिन सभी किताबों का रंगों की तरह अलग महत्व होता है। इन्हीं महत्वपूर्ण छोटे-छोटे मुद्दे पर किताबों का लेखन होता है और वह देश के लोगों और युवाओं को प्रेरणा देता है। अगर हम इस होली की बात करें तो हर आॅनलानइ ई-पोर्टल पर होली आॅफर में कितबों पर भारी डिस्काउंट दे रहे हैं।
होली में आॅनलाइन बुक्स स्टोर पर पर कई प्रकार के डिस्कउंट वेब पोर्टल दे रहे हैं। वैसे बुक्स लवर्स कोई किताब खरीदना चाहते हैं तो ऐसे अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। वैसे देखा गया है बड़े त्यौहारों पर ई-कमर्स वेबसाइटें भारी आॅफर्स के साथ ग्राहकों को लुभाने की भरपूर कोशिश करती हैं। अगर आपको आॅनलाइन बुक्स (online books) खरीदने (buy books online)है तो अन्य वेबसाइटों की तरह योरबुकस्टाॅलडाॅट काम (www.yourbookstall.com) भी आपके लिए बेहतर आॅप्शन हो सकता है। इस वेबसाइट पर आपकों लाखों फिजिकल बुक्स, ईबुक्स, ओल्ड बुक्स उपलब्ध हैं। यह वेबसाइट भी ग्राहकों को भारी छूट उपलब्ध कराती है। ऐसे में किताब प्रेमियों को यह ठिकाना भी सही है। इसके अलाव रंगों के त्यौहार के साथ सभी को होली हार्दिक बधाईयां। आप सभी के जीवन में खुशियों का रंगभरा रहे।
होली की शुभकामनाएं....
Happy Reading...

Thursday, 17 March 2016

पैसे कमाने का अवसर उपलब्ध करती बेबसाइटें

आज कल इंटरनेट पर तमाम ऐसी वेबसाइटें है जो आपको घर बैठे कमाने का अवसर प्रदान करती हैं। आपको रोज ऐसी तमाम विज्ञापन मिल जाएंगे जो आपको घर बैठे आॅनलाइन फुलटाइम और पार्टटाइम के लिए जाॅब आॅफर करते नजर आते हैं। इन सबों के बावजूद कुछ ऐसे आॅनलाइन बुक्स स्टोर की वेबसाइटें हैं जो आपको घर बैठे कमाई करने का जबरदस्त मौका उपलब्ध करती हैं। इसमें योर बुक्सस्टाॅल डाॅट काॅम (yourbookstall.com) भी शामिल है। यह बेबसाइट नए लेखकों के लिए कई प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराती है, जिसमें संपादन, कवर डिजाइन, प्रूफ रीडिंग शामिल हैं। इसके अलावा बेबसाइट वाले काॅपी राइट और आईएसबीएन नंबर भी उपलब्ध कराते हैं। इन वेबसाइटों पर आप सस्ते दामों में किताबें भी खरीद (buy books online) सकते हैं।
             ऐसी वेबसाइटें जहां लेखकों को अपनी किताबों के लिए नए प्लेटफाॅर्म उलब्ध कराती है, वहीं ऐसे लेखकों के लिए सहायक सिद्ध होती हैं जिन्हें संपादन, कवर पेज डिजाइन एवं प्रूफ रीडिंग की जरूरत होती है। सही बात तो यह है कि वेबसाइटें ऐसी कामें तो अपने हाथ में ले लेती हैं लेकिन वह भी आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कराती हैं। इस आउटसोर्सिंग में आप भी शामिल हो सकते हैं बशर्ते आप जिस भाषा के जानकार हो उसमें आपकी पकड़ अच्छी हो। इसके आलावा आप अगर डिजाइनिंग जानते हैं तो आप कवर पेज डिजाइन के लिए आपको वेबसाइट हायर कर सकती है। वैसे यह काम बहुत आसान होता है। घर बैठे रोज थोड़ा-थोड़ा समय देकर या एक दो दिन में फुल टाइम देकर आप अपने लैपटाॅप या पीसी पर यह काम कर सकते हैं। जब किसी वेबसाइट के पास किसी लेखक का काम आता है तो वह उस काम को काॅन्टेक्ट पर्सन को एक समयवधि के लिए सौंप देता है। वेबसाइट वाले लेखक से पैसा लेते हैं और अपना खर्चा, कमिशन काटकर, पेज अनुसार या प्रति शब्द के अनुसार पैसा देते हैं। अगर आप इस काबिल हैं तो आप भी ऐसी वेबसाइटें तलाश कर वेबसाइट वालों से संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online books)वाले यह सुविधा ज्यादा उपलब्ध कराते हैं। कई बेबसाइटें ऐसी है जो केवल यहीं सुविधा ही उपलब्ध कराती हैं।

Tuesday, 15 March 2016

भारतीय साहित्य अन्य देशों की तुलना में समृद्ध है....

साहित्य, संस्कृति और परंपरा के लिए भारत हमेशा से धनी देश रहा है। यहां की संस्कृति ऐसी है कि पूरा विश्व प्रशंसा करते नहीं थकता। यहां की परंपरा से जब कोई रूबरू होता है तो उससे बिना प्रभवित हुए नहीं रह सकता। अगर यहां कि साहित्य की बात की जाए तो साहित्य इतना धनी है कि जिसका वर्णन करना मुश्किल है। यहां के लेखकों को विदेशी अपना आदर्श मानते हैं। वैसे आलोचकों के पास एक सवाल हमेशा भारतीय साहित्य को लेकर रहता है कि अगर भारतीय साहित्य इतना धनी है तो एक रविन्द्रनाथ टैगोर को छोड़कर अन्य किसी को कोई नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं मिला। कुछ एकाध लोगों को छोड़ दिया जाए तो बुकर सहित अन्य अतंरराष्ट्ीय पुरस्कार भारत की झोली में ना के बराबर है। एक तरह से देखा जाए तो यह तर्क और सवाल बिल्कुल ही जायज है और होना भी चाहिए। इसके बावजूद अगर आलोचक सही में इस तर्क का जवाब दे पाएंगे कि क्या प्रेमचंद की गोदान नोबेल लायक नहीं है। क्या धर्मवीर भारती की ‘गुनाहो का देवता’, फणीश्वरनाथ रेणु की ‘मैला आंचल’, भीष्म साहनी की ‘तमस’, शरत चंद्र चटर्जी की ‘देवदास‘, जयशंकर प्रसाद की ‘कमायनी’ जैसी किताबें नोबेल की मोहताज है। इसका सीधा जवाब है बिल्कुल नहीं। इसके अलावा भी इस विविधता वाले देश में कई क्षे़त्रीय जैसे मराठी, कन्नड़, मलयालम, तेलगू, तमिल, गुजराती, पंजाबी, बंगाली और असमिया सहित कई ऐसी भाषाएं है जिनके साहित्य इतना धनी है जिसकी कोई तुलना नहीं। इसके बावजूद भी आज के आधुनिक दौर के लेखक विश्व स्तरीय साहित्य का लेखन कर रहे हैं, जिसमें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों के साहित्यकार शामिल हैं।
इसमें सबसे अच्छी बात है कि आज के दौर में साहित्यकारों के लिए लेखन, प्रकाशन और प्रचार करना और आसान हो गया है। उनके हाथ में सोशल मीडिया, टीवी, सामचार पत्र, बेबसाइट सहित अन्य कई उपयोगी चीजें है जिसका उपयोग कर वे अपनी किताबों का प्रचार प्रसार असानी से करते हैं। अगर पाठको तक किताब पहुंचाने की बात करें तो इसे ई-कमर्स कंपनियों ने और आसान बना दिया है। इंटरनेट पर किताबें खरीदना (buy books online) बहुत आसान हो गया है। यहां आॅनलाइन बुक्स (online books) के साथ-साथ आनलाइन बुक्सस्टोर (online bookstore) भी उपलब्ध हैं जो पाठकों तक न्यू रीलिज के साथ ही किताबें पहुंच जाती है। अतः अपने देशी साहित्यकार भी किसी अंतरराष्टृीय साहित्यकारों से कम नहीं है।

Monday, 7 March 2016

जिन्दगी से रूबरू करती हैं किताबें


अगर आप वास्तव में जिन्दगी से रूबरू होना चाहते हैं तो खूब किताबें पढि़ए। यह किताबें आपको जिन्दगी की वस्तविकता से रूबरू कराएगी। किताबे आपको उस कल्पना की बिंदू तक पहुंचाती है जहां की कल्पना आपने कभी नहीं करते। किताबों की दुनिया में अगर आप आते हैं तो आपको कभी भी निराशा हाथ नहीं लगेगी। अपको हमेशा जिन्दगी जीने की प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलेगी। जिन्दगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किलों से निकालने में किताबें हमेशा मदद करती है। कई ऐसे सफल लोगों की कहानी की शुरुआत किताबों से हुई जिन्हें आज के युवा उन्हें आदर्श मानते हैं। ऐसे सफल लोगों का साफ मानना और कहना है कि किताबों ने हमें इस स्तर तक पहुंचाया। ऐसा नहीं है कि उन्होंने सिर्फ किताब पढ़कर ही सफलता हासिल कर ली हो, लेकिन यह तय है कि उनके मेहनत और जुनून में किताबों की भागीदारी अहम रही है। अगर आपको भी एक सफल आदमी बनना है तो किताबों को अपने साथ रखें और खूब पढ़ें।
                लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे किताबों को लाएं कहा से, ऐसी किताबें मिलेंगी कहां। इन सभी सवालों का जवाब है आॅनलाइन बुक स्टोर। आज के समय में इंटरनेट पर तमाम आॅनलाइन बुक्सस्टोर (online bookstore) उपलब्ध है जहां से आप मनचाही किताब भारी डिस्काउंट पर खरीद सकते हैं। इन वेबसाइटों में एक साइट योरबुकस्टाॅल  भी जहां पर लाखों ऐसी बुक्स (books) उपलब्ध हैं। यहां बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) बड़े डिस्काउंट्स पर किताबें खरीद सकते हैं। यहां तमाम आॅनलाइन बुक्स (online books)उपलब्ध है।

Friday, 26 February 2016

आत्मविश्वास की पुंज हैं किताबें

हमें कोई भी काम करने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसके कई स्रोत भी होते हैं जो हमें आत्मबल और आत्मविश्वास देते हैं। इसमें हमारे माता-पिता, भाई-बहन और अन्य सगे संबंधी के साथ वह महान व्यक्ति भी शामिल होता है जिसके बारे में हमने कहानी या अपने शिक्षक के माध्यम से पढ़े या सुने रहते हैं। वह हमें आगे बढ़ने एवं अच्छे काम के लिए प्रेरणा देते हैं। यह तो उस अवस्था कि बात हो गई जब हम बड़े बुजुर्गों की देख रेख में अपने आप को संवारते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है कि आप अकेले होते और आपको गाइड करने वाला कोई नहीं होता और आपमें आत्मविश्वास की कमी होने लगती है। ऐसे में क्या करना चाहिए आपको सुझता नहीं है। यह वक्त ऐसा होता है जो आपको निराशा से भर देता है। ऐसे में विशषज्ञों की राय है कि आपको ऐसे किताबों को पढ़ना चाहिए जो आपको आत्मबल प्रदान करें और आपकों निराशा से निकाले। वैसे आज के दौर में किताबों का चयन और भी आसान हो गया है। आज तमाम आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) उपलब्ध हैं जहां से आप ऐसे किताबों का चयन कर सकते हैं जो आपको आत्मविश्वास से भर दे। इसके लिए आप बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) भी कर सकते हैं। कई ऐसी वेेबसाइटें है जो आपको इस मामले में मदद भी करती हैं। आॅनलाइन बुक्स (books online ) के लिए आप योरबुकस्टाॅल (yourbookstall.com) पर भी सर्च कर सकते हैं। बाइ बुक्स आॅनलाइन  (buy books online)के लिए आज कई बुक्स स्टोर पर आज लाखों बुक्स उपलब्ध हैं जो अपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं।

Thursday, 25 February 2016

आॅनलाइन किताबों की दुनिया...

आज दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है जिसका भान हमें कुछ साल पहले तक नहीं था। इतनी रफ्तार की सबकुछ बेहद नजदीक लगता है और पुरानी कहावत की दुनिया गोल है चरितार्थ लगने लगी है। यह सब हुआ है सूचना क्रांति से जो हमें एक दूसरे को बेहद करीब ला दिया है। इस कड़ी में इंटरनेट ने तो पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया। दुनिया कस सब कुछ रियल टाइम हो गया है। कोई भी सूचना, घटना और समाचार इतनी तेजी से फैलती है कि ग्रामीण अंचलों में तक पहुंचने में टाइम नहीं लगता है। अगर हम किताबों की बात करें तो ई कमर्स की शुरुआत ही किताबों से ही हुई और पूरी तरह मार्केट प्लेस बन गई। अगर आॅनलाइन बुक्स (online books) की बात करें तो इंटनेट पर करोड़ों किताबें उपलब्ध हैं। इसमें तो लाखों फ्री ईबुक्स जिसे असानी से डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं। इंटरनेट पर कई ऐसी प्रतिष्ठित वेबसाइट है जो आपको आनलाइन बुक्स (online books) भी उपलब्ध कराती हैं। इन वेबसाइटों पर बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) फिजकल और ई-बुक्स दोनों ही उपलब्ध हैं। आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) की दुनिया से सबसे ज्यादा पाठकों को फायदा हुआ है। एक ओर जहां पाठक अपनी पसंद के अनुसार किताबों का चयन कर आॅनलाइन बुक्स (online books) खरीद सकता है, वहीं दूसरी ओर फ्री ईबुक्स का लाभ भी उठा सकता है। वैसे लेखकों को भी अच्छी पहुंच पाठकों तक बनीं है। ऐसे में आॅनलाइन बुक्स (online books)की दुनिया बहुत ही बड़ी हो गई जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए।

Tuesday, 23 February 2016

सफल बनाती हैं किताबें.....

किसी के भी सफल जीवन के पीछे अगर आप झांकेंगे तो उस आदमी की सफलता के पीछे किताबों (books) की अहम भूमिका होती है। उसके व्यक्तित्व से लेकर उसके करियर के अयाम तक वह अपने आप को किताबों से जोड़े रखा है। उसकी सफलता का यही कारण होता है। अगर आपको भी सफलता की राह पर चलना है तो आज से ही किताबों (books) से नाता जोड़ लीजिए। आपके जीवन से करियर तक सब बेहतर हो जाएंगे। किताबों से नाता जोड़ने का यह मंतव्य बिल्कुल ही नहीं है कि सिर्फ आपने किताब पढ़ ली तो सबकुछ ठीक हो जाएगा। किताबों से जुड़ने का एक मतलब साफ है कि अच्छी किताबों को तो पढ़े ही उसमें दिए गए अच्छी बातों को चरित्र में उतारें। इससे आपका दोगुना विकास होगा। थोड़ी सी कठिनाई तो आएगी लेकिन आपके भविष्य के लिए यह बेहतर होगा। वैसे अच्छी किताबों के चयन के लिए आपको अब ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि आज इंटरनेट पर कई आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) उपलब्ध है जो आपके इस काम में मदद कर सकती हैं। इन वेबसाइटों पर जाकर आप बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) मनपसंद की बुक्स खरीद सकते हैं। ऐसे वेबसाइटें आॅनलाइन बुक्स (online books )रेकोमेंड भी करते हैं। आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) में कई कोटेगरी के बुक्स उपलब्ध होतें हैं। अगर आपको मालूम है कि कौन सी किताब आपको चाहिए तो आप किताबों को आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) में सर्च भी कर सकते हैं। आॅनलाइन बुक्स (online books) में कई सुविधाएं भी कंपनियां उपलब्ध करा रही हैं। जो होम डिलीवरी के साथ कैश आॅन डिलीवरी की भी सेवा उपलब्ध कराते हैं। ऐसे आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) से आप अपनी मनपसंद की किताबें बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) कर सकते हैं। अतः अच्छी किताबें (books) पढिए, उसको गुणिए और अपने जीवन को सफल बनाएं।

Monday, 22 February 2016

पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ाएं किताबें

वैसे सभी को यह ज्ञात है कि किताबें न तो कभी पुरानी होती है और न तो वह कभी बेकार होती है। इसलिए किताबें (books) अनमोल होती हैं। ऐसे में या तो उस किताब को पढ़ने के लिए अपने इष्ट-मित्रों को प्रेरित कर सकते हैं या किसी ऐसे वंचितों को दान दे सकते हैं जो किताबों का शौकिन हो। ऐसे में एक तो किताब की उपयोगिता बरकरार रहेगी और दूसरी आपके जैसा कोई वंचित भी अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है। दूसरी व्यवस्था यह है कि उस किताब को आप आॅनलाइन बुक्स बेंच भी सकते हैं। इसके लिए आॅनलाइन (online books) कई वेबसाइट उपलब्ध है जो ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। इन वेबसाइटों पर आप अपनी किताबें वंचितों के लिए फ्री या बेहद कम दामों पर बेच सकते हैं। ऐसी ही वेबसाइटों में योरबुकस्टालडाॅटकाॅम  जैसे साइटें है जो आपके परमार्थ में मदद कर सकती है। यहां आप बाइबुक्स आॅनलाइन (buy books online) भी अपनी पसंदीदा किताबें खरीद सकते हैं। यहां पर हजारों किताबें बड़ी डिस्काउंट पर उपलब्ध हैं। अगर आपको ऐसा परमार्थ करना है और अपनी अच्छी किताबें वंचितों तक पहुंचाना है तो आप इन वेबसाइटों (online bookstore) का विजिट कर सकते हैं।

Sunday, 21 February 2016

5 Easy Steps To Find Your Books’ Worth

In this era of online bookstores and huge bombardment of information aimed at pushing sales of the books, almost every author (especially those with their first book) are too confused about their own book.
It seems really scary to think what if my book fails to draw attention of readers, what if no one understands what I wanted to say, etc etc.
But trust me, thousands of authors getting their books published every day, this confusion is natural. Have you heart hold back and follow the following five steps.
Before publishing your books online:

1.READ YOUR BOOK AS A READER: For this you first need to come out of your book’s frame. It is natural for an author to get involved into his/her book, but just shut the book off. Put it aside and forget about it for few days may be a week. Get engaged in other activities. Once you feel refreshed and out of the books frame. Sit down and start reading it. I am sure majority of your apprehensions will be solved.

2. ASK YOUR LESSER CLOSE ACQUAINTANCES TO READ THE BOOK: Yes, once you have read it as a reader send it to some of your acquaintances to read. But be very clear in not sending it to pretty close ones, and send it to diversified list of people. Because, from the close ones there are chances that you get prejudiced reviews and it should come from diversified group of people because readers are like that.

3. READ AGAIN: Yes, once you get the reviews and find some to be worthy of adopting please think and go ahead do it. Once you are done, run an edit for typos, sentence framing etc. Once you are ready with your new manuscript again keep it aside and try to come out of its frame and re read it. Yes, you will find a lot of things that you missed correct it. By this time I hope you have got half of your answer.

4. NICHE CHECKING: Now after you are ready. Browse online bookstores, check out the books of the genre in which you suppose your book to be. Buy books online and read them (atleast a couple of them). While reading you will automatically compare it with your book as they both belong to the same genre. It will also give you a feel of the book. This step could be taken during initial stages too, but again there is a danger of too much influence of the books on your own writing. Like others you have an independent style of writing, just try to hold the nerve of readers, don’t let it impact your story’s basics.

5. LITMUS TEST: Now that you are ready with your book, upload it for sales on various online bookstores where you can publish your book for free and readers can buy books online after you upload them. The response from the readers will answer rest all your questions. One more thing do try to connect directly and get the views of the readers personally.

BEST OF LUCK!!
Happy Reading & Writing!

माता-पिता के बाद तीसरा गुरु है किताबें

कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति का पहला गुरु माता-पिता होता है और इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए है। मां वह गुरु होती है जो एक बच्चे का व्यक्तित्व को निखारने और बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और पिता वह गुरु होता है जो मां की बनाई व्यक्तित्व को तराशकर निखारता है। ऐसे में उस बच्चे का व्यक्तित्व का निर्माण होता और वह समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार होता है। इस दरम्यान जो तीसरे गुरु की भूमिका निभाता है वह किताबें होती हैं। क्योंकि एक बच्चे के व्यक्तित्व के निर्माण में माता-पिता के साथ किताब की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है। किताबों से ही बच्चे का माता-पिता अपने बच्चे को एक आदर्श नागरिक बानाने का प्रयास करता है। यह तो तब की स्थिति होती है जब बच्चा बच्चा होता है। लेकिन किशोरावस्था में प्रवेश के बाद बच्चे के लिए किताब सबसे ज्यादा महत्पूर्ण हो जाती है। यहां भी मां-बाप की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। क्योंकि बच्चा स्कूल बुक्स के अलावा क्या पढ़ रहा है या उसे क्या पढ़ना चाहिए? यह गाइड करना भी महत्वपूर्ण है। माता-पिता को भी यह ज्ञान होना चाहिए कि बच्चे को कैसे अच्छी किताबें सर्वसुलभ हो। वैसे आज-कल तो हर जगह सर्वसुलभता है। अगर आपको कोई किताब खरीदनी है तो आप किसी भी आॅनलाइन बुक स्टोर (online bookstore) से आॅनलाइन बुक्स (online books) खरीद सकते हैं। अगर आप बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) करते है तो आपका चयन आपके बच्चे के लिए अच्छा होना चाहिए। उसके लिए वह किताब रोचक हो और उसके पढ़ने में वह आनंद उठा सके। ऐसा मानना है कि आॅनलाइन बुक्स (online books) खरीदते समय बच्चों की भी राय लेना ज्यादा वाजिब होगा। क्योंकि यह भी हो सकता है कि जो किताब आप आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) से खरीद रहे हैं, वह आपके बच्चे को पसंद न हो। ऐसे में यह बेहतर होगा कि आप बाइ बुक्स आनलाइन (buy books online )करते समय बच्चे की राय जरूर लें।

Saturday, 20 February 2016

किताबों की दुनिया में ईकमर्स की पैठ

किताबों (books) की दुनिया एक अलग होती है और इस दुनिया के लोग समाज को अलग दिशा देता हैै। इस दुनिया के लोग अपनी दुनिया में खोए रहते हैं। इन्हें जो अच्छा लगता है वहीं करते हैं, वह किसी की नहीं सुनते। हम इन्हें बुद्धिजीवी वर्ग कह सकते है, जो किताबों के ज्ञान से बहुत ही परिपूर्ण होता हैं और उस ज्ञान की पुंज से एक अलग रोशनी निकलती है। ऐसे नहीं है कि इन वर्गों के अलावा कोई किताब (books) नहीं पढ़ता या वह समाज को नई दिशा नहीं देेता। समाज में सभी का योगदान अहम होता है चाहे वह ज्यादा हो या कम। इन सबों के बीच किताबों की दुनिया में किताब पहुंचाने कि सुविधा में इजाफा हुआ है। पहले हमें अपनी मन पसंदीदा किताब को खरीदने के लिए बुक्स स्टोर के चक्कर काटने पड़ते थे इसके बावजूद भी हमें किताब नहीं मिलती थी। लेकिन आज के संचार क्रांति के दौर में यह आपके घर पर आपकी पसंदीदा बुक्स उपलब्ध हो जाएंगी। इंटरनेट पर आज कई आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore)  हैं जहां से आप किताबें खरीद सकते हैं। यह बेहतर आॅप्शन भी उपलब्ध कराते हैं। बाई बुक्स आॅनलाइन (buy books online) से एक तो अपको अपनी पसंदीदा बुक्स (books) मिल जाती है वहीं दूसरी ओर कई आॅफर्स एवं डिस्काउंट भी मिलते हैं। आनलाइन बुक्स (online books) खरीदना भी असान है और किताब आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online book store) वाले आपके घर तक भी पहुंचा के जाते हैं। अगर आपको उस किताब में कोई कमियां नजर आती हैं तो आप उसे वापस करके दूसरी किताब भी मंगवा सकते हैं। एक तरह से यह कहा जाए कि आज किताबों की दुनिया में (buy books online) ईकमर्स ने पैठ बना ली है तो अतिशोयक्ति नहीं होगी।

Wednesday, 17 February 2016

लेखक बनने का नया प्लेटफार्म उलब्ध करातीं वेबसाइटें

अगर आप पढ़ने, लिखने और किताबों के शौक रखते हैं तो आपके दिल में एक बात हमेशा से दबी रहती है कि काश, अपनी भी अभिव्यक्ति को कागज पर उतार पातें। ऐसा संभव भी होता होगा कि अपनी अभिव्यक्ति को आपने कागज पर उतार लिए हों, पर न तो वह लोगों तक पहुंच पाती है और न ही वह किताबों (books) की शक्ल ले पाती होती। लेकिन आज के युग में अगर आप थोड़े से कम्प्यूटर फ्र्रेंडली हैं तो आपकी तमन्ना पूरी हो सकती है। अगर आप अपनी किताबों को ई-बुक या फिजीकल बुक्स की शक्ल देना चाहते हैं तो इसके लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इंटननेट पर ऐसी तमाम वेबसाइटें उपलब्ध हैं जो हमें यह सुविधा उपलब्ध करती हैं। इसमें सबसे उत्तम योरबुक स्टाल (youbookstall.com) हैं। जहां कंटेंट एडिटिंग, कवर डिजाइनिंग और काॅपी राइट सहित आपकों कई सुविधाएं प्रदान करता है। इसके लिए आॅनलाइन वुक्स (online books) वेबसाइट योरबुकस्टाल (yourbookstall.com) पर जाकर इसकी पूरी जानकारी ली जा सकती है जो अपको लेखक बनाने में सहायक होगी। इस वेबसाइट पर कई और भी सर्विस उपलब्ध हैं जो वहां विजिट कर देख सकते हैं। इस वेबसाइट बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) अन्य किताबें भी खरीद सकते हैं। यहां लाखों की संख्या में सभी भाषाओं की किताबें उपलब्ध हैं जो आपको अपनी पसंदीदा बुक्स को चयन करने में मदद करती है। अगर आपको लेखक बनना हो या बाइ बुक्स आॅनलाइन (buy books online) करना हो तो इस वेबसाइट को विजिट करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

Tuesday, 16 February 2016

अच्छी शिक्षा और संस्कार देती है किताबें

किसी भी जिन्दगी कि शुरुआत सीखने से शुरू होती है और सीखने पर ही खत्म होती है। चाहे वह बचपन में शिक्षक मां हो या बुढापे में कोई और, लेकिन यह सीखना उम्र पर चलता रहता है। वैसे अच्छी बाते और संस्कार के लिए मां-बाप द्वारा सही रास्तें दिखाए जाने के अलावा अच्छी किताबों की अधिक जरूरत होती है। बच्चों को आप अगर अच्छी शिक्षा और संस्कार देना चाहते हैं तो उसको किताबों से जोड़ना चाहिए । किताबों में दुनिया भर की भरी हुई ज्ञान से वह अच्छी शिक्षा और संस्कार पा सकता है। इसमें सबसे अहम भागीदारी अभिभावकों की होती है। अभिभावकों को यह ध्यान रखना पड़ता है कि हमारा बच्चा क्या पढ़ रहा है। ऐसे में बच्चे को गाइड करना और सही किताबों के चयन की राह दिखाना आपकी जिम्मेदारी बनती है। आज तो कोई भी (buy books online) आॅनलाइन अच्छी किताबों का चयन कर बच्चों को बता सकता है। या बच्चे को गिफ्ट के तौर पर (online bookstore) आनलाइन बुक्स स्टोर से किताबें खरीद सकता है। ऐसे में एक तो बच्चों को अच्छा लगेगा और सरप्राइज गिफ्ट मिलेगा तो वह उसे चाव से पढ़ेगा। और बाइ बुक्स आॅनलाइन किताबें खरीदने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। आनलाइन बुक्स (books online ) खरीदने में एक तो भारी डिस्काउंट मिलता है, दूसरी अच्छी किताबों के आॅप्शन उपलब्ब्ध होते हैं और तीसरी समय की बचत होती है और किताब आपके घर पहुंच जाती है।

Monday, 15 February 2016

इंटरनेट युग में भी किताबों को न भूले

आज की दुनिया बड़ी ही तेज रफ्तार के साथ भाग रही है। संचार क्रांति ने ऐसी क्रांति ला दी है कि लोगों ने इसे ही अपना दोस्त बना लिया है। अपने दोस्तों से प्रिय संचार साधन मोबाइल हो गया है। जिस तरह पहले अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से न मिले तो बेचैन हो जाता था वैसे ही आज अगर आपको संचार सुविधा से वंचित कर दिया जाए तो आप भी वैसे ही बेचैन हो उठेंगे। संचार सुविधा बढ़ना एक अच्छी बात है। लेकिन इसके साथ सभी संबंधों का साधना अपके व्यक्तित्व को और महान बनाता है। सबंधों के जैसे आज के युग में लोगों से किताबों से भी ऐसे ही नाता टूटा है। कोई भी समस्या हो तुरंत मोबाइल उठाया और गूगल बाबा से पूछ लिया। यह बेहद ही सुलभ और लभगभ सही उत्तर पाने का साधन है। लेकिन अगर आप गंभीर और पूर्ण ज्ञान की तलाश में हैं तो यह आपको किताबें ही दे सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है। क्योंकि छिछले ज्ञान तो सर्वसुलभ और सर्वज्ञय है लेकिन अगर आपकों गंभीर ज्ञान की तलाश है तो वह किताबें ही दे सकती है। अतः वैसे किताबों की तलाश करें। वैसे इस तलाश में इंटरनेट आपकी भरपूर मदद कर सकता है। क्यों उसी गूगल बाबा पर बाइ बुक्स आॅनलाइन   ( buy books online) सर्च कर अपने ज्ञान के भंडार को बढ़ा सकते हैं। इंटरनेट पर हजारों आॅनलाइन बुक्स स्टोर (online bookstore) है जो आपके चयन को और सुलभ बनाता है। आनलाइन बुक्स (online books) खरीदने का फायदा यह होता है कि आपकी पसंद की किताब आपके घर तक पहुंचती है। ऐसे ही आॅनलाइन बुक्स स्टोर में योरबुकस्टाल भी शामिल हैं जहां से आप बुक्स खरीद सकते हैं।

Sunday, 14 February 2016

किताबों की दुनिया में खोया वह बचपन

किसी भी व्यक्ति का किताबों से संबंध उसकी बचपन को याद दिलाता है। किताबों की दुनिया में खोया वह बचपन जब आपको उस दौर में ले जाता है तो आप रोमांच से भर जाते हैं। चाहे वह क्लास की बुक्स हो या नंदन, चंपक, बालहंस या कोई काॅमिक्स, वह हमें उस फंतासी दुनिया में ले जाता था जहां हमें लगता था कि एक और दुनिया है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंतासी बातों से ही हम रूबरू होते थे। उस फंतासी कहानियों में बुराई पर अच्छाई की जीत, आचरण और संस्कार की सीख मिलती थी, जिसके कारण आज आप जहां हैं वहां एक सफल व्यक्ति हैं। उन किताबों ने हमें जीवन जीने की कला सीखायी, देशभक्ति, जिम्मेदारी और सेवा भाव का अनुभव कराया। इससे सर्वश्रेष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण हुआ। वैसे आज के परिपेक्ष्य में बात की जाए तो आज बच्चे किताबों की फंतासी दुनिया की जगह टीवी को दे दिया है। जहां उन्हें डोरेमोन, आॅगी-काॅकरोच, मोटू-पतलू और हड्डी-बड्डी जैसे सीरियल इंटरटेन करते हैं। यह बात अलग है कि अभिभावक उस पर ध्यान नहीं देते कि उसके भविष्य के लिए ठीक नहीं है। अभिभावकों को चाहिए की उन्हें अपने बच्चों को ऐसे किताबों (buy books online) से रूबरू

कराएं जो टीवी से ज्यादा इंटरटेन करें। इसके लिए आज आॅनलाइन बुक्स स्टोर्स (online bookstore) की भरमार है जो आपके बच्चों के लिए आॅनलाइन बुक्स (online books) उपलब्ध कराते हैं। अगर आप बाइ बुक्स आनलाइन करते हैं तो यह बुक्स आपके घर तक पहुंचाते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों को किताबों से दोस्ती करा सकते हैं।

Saturday, 13 February 2016

अंधेरे पथ में लौ की समान है किताबें

जिदंगी में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी तो ऐसा होता है कि परेशान, हताश और निराश हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि हम उस जंग मेें हार गए हैं जिसके लिए हमने तन-मन और धन सब लगा दिया। उस समय दुनिया बेकार और चारो ओर केवल अंधेरा ही अंधेरा नजर आने लगता है। उस समय कोई अपना नजर नहीं आता, सब पराए नजर आते हैं। अच्छी सलाह भी उस समय बेकार लगती है। पथ भी अंधेरा नजर आने लगता है और लगता है उस पथ पर कितनी कांटे बिछी है और कितनी मुश्किले खड़ी हैं। ऐसे समय उस अंधेरे भरे पथ पर किताबे लौ कि तरह आपके पथ को सही राह दिखते हुए जिन्दगी को रोशन कर सकती है। ऐसे परिस्थितियों में किताब आपका दोस्त, भगवान और मार्गदर्शक साबित हो सकता है। आप किताब के माध्यम से अपनी जिन्दगी बदल सकते है। इसमें केवल सतर्कता यह बरतनी है कि आपको सही किताबों का चयन करना होगा। अब तो इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत भी नहीं है। केवल कंप्यूटर पर बैठिए और सर्च कीजिए अच्छी किताबें। आॅनलाइन बुक (online bookstore) स्टोर पर लाखों किताबे उपलब्ध है जो आपके काम आ सकते हैं। ऐसी किताबों को खरीदिए (buy books online) जो आपकी जिन्दगी में प्रेरणा का काम करें। आॅनलाइन बुक स्टोर (buy books online) में योर बुक स्टाॅल एक अच्छा आॅप्शन हो सकता है आपके लिए।