Saturday 30 July 2016

स्वस्थ्य भी रखती है किताबें पढ़ने की आदत...

ऐसा माना नहीं जाता यह सत्य है कि किताबें व्यक्ति की अच्छी दोस्त, पथ प्रदर्शक, प्रेमिका और पता नहीं क्या-क्या होती हैं। बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हम किताब से जुड़े रहते हैं, पहले स्कूल और प्रतियोगिता के किताबों से और बाद में साहित्य और धर्म के किताबों से। लेकिन आज के तेज रफ्तार में भागती जिन्दगी में कुछ लोग किताबों को पढ़ना बोरिंग समझते हैं और कंप्यूटर और टीवी को ही अपना अच्छा दोस्त मानते है। ऐसे लोग कंप्यूटर या मोबाइल के इस युग में भी इसका (ईबुक्स) लाभ नहीं उठा पाते। उन्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि किताबें आपके व्यक्तित्व को निखारती ही नहीं बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसकी वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की है। एक शोध से पता चला है जो शौक के लिए नाचते और पढ़ते उनका स्वास्थ्य ऐसा न करने वाले लोगों की तुलना में 33 प्रतिशत ज्यादा बेहतर रहता है। ऐसी किताबें किसी भी ऑनलाइन बुक स्टोर (online bookstore) पर आसानी से उपलब्ध है। जहाँ से कोई भी बाय बुक्स ऑनलाइन (buy books online) खरीद सकता है. आइये जानते है किताब हमें कैसे स्वास्थ्य रखती है। 
याददाश्त रहती है टनाटन
आज-कल हमारी दिनचर्या ऐसी हो गई है सारी निर्भरता मोबाइल पर हो गई है। पहले जुबानी कई लोगों के नंबर याद रखते थे लेकिन आज अपने घर का नंबर भी याद नहीं रहता। यह केवल उदाहरण भर है। लेकिन अगर आप पढ़ाई करते हैं तो आपकी याददाश्त बढ़ती है। टीवी देखने और कंप्यूटर पर काम करने की तुलना में पढ़ाई करने वालों का दिमाग ज्यादा तेज होता है। इसके अलावा किताब पढ़ने की आदत व्यक्ति के सोचने और समझने की क्षमता को बढ़ाती है।
तरोताजा रहता है दिमाग
किताब ने पढ़ने वाले व्यक्ति की तुलना में किताबें पढ़ने वाले आदमी का दिमाग हमेशा जवां रहता है। जो लोग रचनात्मक कार्यों जैसे पढ़ाई में अधिक वक्त बिताते हैं उनका दिमाग ऐसा न करने वालों की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक जवां रहता है। उनके व्यक्तित्व से लेकर हर काम में ही किताब पढ़ने के लाभ दिखते हैं। इसको लेकर भी शोध हुए किताब को पढ़कर व्यक्ति कई अच्छी चीजों को अपने चरित्र में भी उतारता है।
आईक्यू लेवल में होती हैं बढ़ोतरी
शोध में यह भी निष्कर्ष निकला है कि जो लोग किताबें अधिक पढ़ते हैं उनका आई-क्यू लेवेल भी अधिक होता है। किताबें व्यक्ति को रचनाशील बनाती है जिसके कारण उनकी सोचने और समझने की क्षमता बढ़ जाती है। समाज से लेकर किसी भी प्रतियोगिता में वे हमेशा आगे रहते हैं। ऐसे व्यक्ति शायद ही निराशावादी होते हैं। उनकी सोच हमेशा साकारात्मक होती है।
अल्जाइमर से बचाव
किताब पढ़ने वाले व्यक्ति को कभी अल्जाइमर नहीं होती। अल्जाइमर एक प्रकार की दिमागी बीमारी है। इसके कारण व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। जो लोग दिमागी गतिविधियों जैसे - पढ़ाई, चेस खेलना, पजल खेलने में व्यस्त रहते हैं उनमें अल्जाइमर के विकसित होने की संभावना कम होती है। इस निष्कर्ष से यह कहा जा सकता है कि पढ़ाकु लोग दिमाग से स्वास्थ्य और शरीर से भी स्वस्थ्य रहते हैं।
तनाव दूर करती है किताब
भले आप बात माने या न माने लेकिन तनाव के समय आप अपने सबसे प्रिय किताब को पढ़िए, शोध का दावा है कि आपके तनाव कम हो जाएंगे। क्योंकि किताबें व्यक्ति के तनाव के हार्मोन यानी कार्टिसोल के स्तर को कम करती हैं, जिससे तनाव दूर रहता है। दुनिया में आजकल तनाव दूर करने के लिए अब ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। किसी भी आनलाइन बुक्स स्टोर पर जाइए और वहां से अपना सबसे फेवरेट आॅनलाइन खरीदकर घर बैठे मंगाए और घर बैठे तनाव दूर करें।
दिन और रात दोनों अच्छे 
फायदों की सूची में नींद भी शामिल हैं जो लगभग दुनिया भर में लोगों की परेशानी है। रात में देर तक टीवी देखने और कंप्यूटर पर काम करने से आपकी नींद उड़ सकती है, लेकिन रात में सोने से पहले किताब पढ़ने से आपको अच्छी नींद का आ सकती है। इसलिए रात को सोने से पहले किताब पढ़ना न भूलें। अगर आप अपने दिन को खुशनुमा बनाना चाहते हैं तो पढ़ने की आदत इसमें आपकी मदद कर सकती है। यदि आपके पास आज कोई काम नहीं है तो दिन को बेहतर बनाने के लिए एक अच्छी किताब पढ़िए।

1 comment:

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